Son fucking mother and sister...Mother becomes whore and lot other!
Thursday, 28 January 2016
Monday, 18 January 2016
टेबल पे चोदी मां की चूत
मां, बहन और मै...अच्छा मेल हो गया था. बहना स्कुल जाने से पहले अपना स्कर्ट उठ के चड्डी उतार के गांड मरवा लेती थी. उसके बाद मां और मै मजे उडाते थे.
और दोनों को सख्त्य हिदायते थी. दोनो अपने झांट बारी बारी निकालेंगी. फिर मुझे मिलती थी एक बिना झांटो वाली चूत तो दुसरी झांटो वाली चूत.
चुदाई का मजा बहोत आता था फिर.
दोनों की गांड मै तो ऐसे जोरों से मारता था कि दोनो थक जाती थी गंडचुदाईसे. चुदक्कड म्कुत्तियों को गांड मारते हुये मैं कतई नही बक्षता था. कुल्हों पे ऐसे जम के झापड लगाता कि लाल हो जाते थे कुल्हे. कराहती वो तो दनादन धक्के मारने में मुझे बडा मजा आता था.
आज बहना कि गांड मारके उसे विदा किया. बाद मे मैने मां से साडी पहनने को कहा. वो चौंक गई. उसे क्या पता क्या सवार है मुझपर! वो बोली,
"बहन कि गांड मारी. अब क्या खयाल है?"
मैने कहा, "रंडी चूत, साडी पहन पहले. तेरी मांकि चोदू साली...जा..."
ऐसे मेरा घर मे हुक्म बढ गया था. क्या मजाल थी उन कुतियों कि कि कोई आवाज करे!
मां के झाटवाले दिन थे. बहना की शेविंग मैने चार दिन पहले ही कि थी. चूत कि शेविंग एक आर्ट है. मैं आप को बाद में समझाऊंगा. मां की चूत शेव करना तो और मजे कि बात. चुदाई और शेविंग...आरी-बारी करा करता था मैं.
मां अंदर चली गई. मैं उसे कपडे बदलते देखना पसंद करता था. मगर आज नहीं. उसकी गोरी चिट्टी फिगर, मांसल स्तन और जांघे और उसके बीच की पुरी कि तरह फुली चूत बडी प्यारी थी. मै हाल में ही बैठा रहा.
थोडी देर के बाद मेरी प्यारी मम्मी रंडी बाहर आई. हरी साडी मे क्या दिख रही थी वोह! उसके कुल्हे, जांघे और बुब्ज एकदम उठ के दिख रहे थे. साडी पहनना तो कोई मां से सिखे. कुत्ती.
मैने उसे बाहों मे बडे प्यार से भर लिया. चुमा. कानों में बोला, "ऐ रंडी मां,,,,बडी सेक्सी लग रही है..."
"तू तो मुझे हमेशा नंगे३ए देखना च्व्हाहता है,...आज ये साडी का क्या भूत सवार हुआ है तुझपर?"
उसने मेरे लंड को छुते हुए पुछा.
मेंरा लंड तो हमेशा कि तरह खडा था.
मैने कहा, "स्साली, तुझे तो मै सदक के बीचोबीच नंगी करके चोदुंगा. और दस तेरे उपर चढाउंगा..."
"चढाओ ना जानुं फिर..देर काहे कि..." वो मस्ती में बोली.
"चूप बे कुतिया...पहले मै जी भर के तुझे चोदुंगा....फिर तुज एसरे बाजार नंगी कर चोदुंगा..."
उसने मेरे प्यंट कि झीप खोली और लंड को आजाद किया. बोली...
"तेरा लंड है ही प्यारा...जहां चाहे वहां चोद...कुत्ती जो ठहरी तेरी..." और नीचे झुक मेरा लंड चुसने लगी.
मैने उसके मुंह में धक्के मारे. गालीया बकी. उसकी गांड पर सटासट चार पाच झापड जड दिये.
फिर कहा...
"साडी में तु ज्यादा फिट दिखती है. चल अंदर..."
"साडी निकालनी ही है तो पहनने को क्यो कहां?"
"स्साली, अंदर तो चल..."
फिर मैने उसे बेडरुम मे खिंचा. वो बेड कि तरफ जाने लगी. मैने उसे रोका.
"स्साली चुदखोर, बेड पर नहीं..."
मैने उसे टेबल पर बिठाया. उसके बुब्ज जोरों से दबाये. फिर उसकी टांगे चौडी कर मैने उसकी साडी उपर उठाई. उसकी गोरी सुडौल जांघे गजब कि दिख रही थी. उसकी निकर ने उसकी चूत छिपा रखी थी. मैने साडी और उपर कि. उसकी चड्डी खिंच कर निकाल दी. मां मेरी तरफ ताज्जुब से देख रही थी. चड्डी निकालते ही उसकी छोटे छोटे झांटोवाली चूत निखरकर सामने आई. मैने उस कुतिया को टांगे और फैलाने को कहा. वो टांगे फैला के जैसे ही हाथों के बल पीछे झुकी तो उसकी चूत और जांघे मुझे जैसे चुदाई का निमंत्रण देने लगी.
मैने मेरी प्यंट उतार दी.
लंड तो खडा ही था.
उसे मैने टेबल के किनारे तक सरकाया.
उसकी चूत का प्यारा चुम्मा लिया.
उसकी झांटे उंगली में पकड कर खिंचे. वो कराही.
उसका दाना दो उंगलियों में पकडकर ऐसे रगडा कि उसकी चूत से पानी और मुंह से सेक्सी कराह निकल आयी.
"ऐसे चोदोगे मुंझे? बढिया....आजा मेरे लाल...चोद जी भर के तेरी मम्मा को..."
"अरे तुझे नहीं चोदुंगा तो क्या पडोसन को? ले आ उसे एक दिन...तेरे सामने चोदुंगा स्साले को...क्या कुल्हे मटकाती है/...गांड मार दुंगा तेरे सामने..."
"नही...मुंझे और तेरी बहना को ही चोदेगा तो कुत्ते....अच्च्छा कुत्ता बन और तेरे लंड का हुनर दिखा..."
साडी उपर करने से और उपर का हिस्सा पल्लु में छिपने से वो बहोत ही गजब कि चुउदखोर दिख रही थी. मैने उसकी चूत को चुमा. चूत में चारो उंगलीयां घुसाके अंदर का मुलायम मुआयना किया. अब तक मुंझे मालूम हो गया था कि मेरी रंडी मां को क्या अच्छा लगता है.
उसने टांगे और फैला दी.
मैने मेरा लंड उसकी चूत में घुसेड दिया. उसने बडी प्यारी आह भरी. चूत उसकी रस से सराबोर थी. मां तो हमेशा कि तरह मस्ती में थी. उसने उसके चुत के स्नायु ऐसे जकड लिये कि मेरा लंड जैसे कुंवारी चूत मे था.
फिर मैने धीरे धीरे उसकी चूत में धक्के देना शुरू किया.
"कैसा लग रहा है?"
"बडा प्यारा. क्या स्टाईल है!. काश तेरी बहना यहां होती और ऐसे मां को चुदते देखती..."
"देखती तो साली चूत से पानी का सागर बहा देती...उस कुतिया को तो श्याम को चोदुंगा...पहले तुझे..."
"हां मेरे लाल.,..मेरे राजा...जरा जोर से धक्के दे...बहोत गर्म हो गई हुं मैं!"
"जानता हुं..." मैने और धक्के मारे.
फचाक फच्च फच्चाक्क्क्क्क्क....
उसकी टांगे मैने मेरे कंधों पर रखी. उसे और जोरों से धक्के देने लगा. वो भी गांड उचका उचकाकर मेरा साथ देने लगी.
"रंडी मां....ये तेरा भोसडा आज तो मै खा ही जाउंगा..."
"खा ले ...चबा चबा के खा ले मेरे लाल,...." वो मस्तीभरी गहरी आवाज में बोली.
"रंडी...ए ले..." मैने जोरो का धक्का दिया. वो कराह उठी.
"कैसे चोदू बेटे को जनम दिया मैंने..."
"कुत्ती, तुही चुदास है....तुने ही मुंझे पटाया...गांड भी मरवा ली थी....मेरी बहना को मेरे नीचे तुनेही सुलाया...स्साली....इक दिन कुत्ते से चुदाउंगा तुझे..."
"चलेगा..." मां उसी मस्तीभरी आवाज में बोली. "देखुंगी कुत्ता अच्छा है के तु!"
"साली फादरचोद, तू तो गधे से भी चुदेगी..."
और मैं तेजी से उसकी चूत मे धक्के देता गया. उसकी चूत चुदते हुए मुंझे साफ दिख रही थी. उसका होल धक्कों के साथ छोट बडा हो रहा था. चूत कि दोनो दिवारों से उसका रस बाहर आ रहा था. मेरा लंड पुरा गीला हो गया था. फच-फच-फचाक कि आवाज बेडरुम में गुंज रही थी...
अब मेरा निकलनेवाला था. मैने सट से मेरा लंड उसकी चूत से बाहर किया और कहा, "आ नीचे...मेरा पानी पी रंडी..."
वो झट से टेबल से उतरी. नीचे बैठ मेरा लंड मुंह में ले लिया.
मैने मेरा वीर्य उसकी मुंह में छोड दिया. वो सब पी गई.
फिर मुंह पोछते हुए वो उठी. मुंझे चुमा, कहा,
"बेटा, क्या वाकई मै तुझे खूष करती हुंं?"
मैने उसे बाहों में भर लिया. कहा...
"मां, तुम और बहना मुंझे इतना खूष रखती हो कि स्वर्ग यहीं हैं. आय लव यु मदर! तेरी चूत और गांड बहोत हे प्यारी है!"
उसने उसकी चड्डी पहन ली. मैने भी प्यंट चढा ली. उसे वापस बाहों में लिया. बेतहाशा चुमा.
फिर हम बेड पर कुछ देर सो गये.
रात का प्लान मेरे दिमाग में तय्यार हो रहा था!
See next बहन ने मुंझे चोदा...
और दोनों को सख्त्य हिदायते थी. दोनो अपने झांट बारी बारी निकालेंगी. फिर मुझे मिलती थी एक बिना झांटो वाली चूत तो दुसरी झांटो वाली चूत.
चुदाई का मजा बहोत आता था फिर.
दोनों की गांड मै तो ऐसे जोरों से मारता था कि दोनो थक जाती थी गंडचुदाईसे. चुदक्कड म्कुत्तियों को गांड मारते हुये मैं कतई नही बक्षता था. कुल्हों पे ऐसे जम के झापड लगाता कि लाल हो जाते थे कुल्हे. कराहती वो तो दनादन धक्के मारने में मुझे बडा मजा आता था.
आज बहना कि गांड मारके उसे विदा किया. बाद मे मैने मां से साडी पहनने को कहा. वो चौंक गई. उसे क्या पता क्या सवार है मुझपर! वो बोली,
"बहन कि गांड मारी. अब क्या खयाल है?"
मैने कहा, "रंडी चूत, साडी पहन पहले. तेरी मांकि चोदू साली...जा..."
ऐसे मेरा घर मे हुक्म बढ गया था. क्या मजाल थी उन कुतियों कि कि कोई आवाज करे!
मां के झाटवाले दिन थे. बहना की शेविंग मैने चार दिन पहले ही कि थी. चूत कि शेविंग एक आर्ट है. मैं आप को बाद में समझाऊंगा. मां की चूत शेव करना तो और मजे कि बात. चुदाई और शेविंग...आरी-बारी करा करता था मैं.
मां अंदर चली गई. मैं उसे कपडे बदलते देखना पसंद करता था. मगर आज नहीं. उसकी गोरी चिट्टी फिगर, मांसल स्तन और जांघे और उसके बीच की पुरी कि तरह फुली चूत बडी प्यारी थी. मै हाल में ही बैठा रहा.
थोडी देर के बाद मेरी प्यारी मम्मी रंडी बाहर आई. हरी साडी मे क्या दिख रही थी वोह! उसके कुल्हे, जांघे और बुब्ज एकदम उठ के दिख रहे थे. साडी पहनना तो कोई मां से सिखे. कुत्ती.
मैने उसे बाहों मे बडे प्यार से भर लिया. चुमा. कानों में बोला, "ऐ रंडी मां,,,,बडी सेक्सी लग रही है..."
"तू तो मुझे हमेशा नंगे३ए देखना च्व्हाहता है,...आज ये साडी का क्या भूत सवार हुआ है तुझपर?"
उसने मेरे लंड को छुते हुए पुछा.
मेंरा लंड तो हमेशा कि तरह खडा था.
मैने कहा, "स्साली, तुझे तो मै सदक के बीचोबीच नंगी करके चोदुंगा. और दस तेरे उपर चढाउंगा..."
"चढाओ ना जानुं फिर..देर काहे कि..." वो मस्ती में बोली.
"चूप बे कुतिया...पहले मै जी भर के तुझे चोदुंगा....फिर तुज एसरे बाजार नंगी कर चोदुंगा..."
उसने मेरे प्यंट कि झीप खोली और लंड को आजाद किया. बोली...
"तेरा लंड है ही प्यारा...जहां चाहे वहां चोद...कुत्ती जो ठहरी तेरी..." और नीचे झुक मेरा लंड चुसने लगी.
मैने उसके मुंह में धक्के मारे. गालीया बकी. उसकी गांड पर सटासट चार पाच झापड जड दिये.
फिर कहा...
"साडी में तु ज्यादा फिट दिखती है. चल अंदर..."
"साडी निकालनी ही है तो पहनने को क्यो कहां?"
"स्साली, अंदर तो चल..."
फिर मैने उसे बेडरुम मे खिंचा. वो बेड कि तरफ जाने लगी. मैने उसे रोका.
"स्साली चुदखोर, बेड पर नहीं..."
मैने उसे टेबल पर बिठाया. उसके बुब्ज जोरों से दबाये. फिर उसकी टांगे चौडी कर मैने उसकी साडी उपर उठाई. उसकी गोरी सुडौल जांघे गजब कि दिख रही थी. उसकी निकर ने उसकी चूत छिपा रखी थी. मैने साडी और उपर कि. उसकी चड्डी खिंच कर निकाल दी. मां मेरी तरफ ताज्जुब से देख रही थी. चड्डी निकालते ही उसकी छोटे छोटे झांटोवाली चूत निखरकर सामने आई. मैने उस कुतिया को टांगे और फैलाने को कहा. वो टांगे फैला के जैसे ही हाथों के बल पीछे झुकी तो उसकी चूत और जांघे मुझे जैसे चुदाई का निमंत्रण देने लगी.
मैने मेरी प्यंट उतार दी.
लंड तो खडा ही था.
उसे मैने टेबल के किनारे तक सरकाया.
उसकी चूत का प्यारा चुम्मा लिया.
उसकी झांटे उंगली में पकड कर खिंचे. वो कराही.
उसका दाना दो उंगलियों में पकडकर ऐसे रगडा कि उसकी चूत से पानी और मुंह से सेक्सी कराह निकल आयी.
"ऐसे चोदोगे मुंझे? बढिया....आजा मेरे लाल...चोद जी भर के तेरी मम्मा को..."
"अरे तुझे नहीं चोदुंगा तो क्या पडोसन को? ले आ उसे एक दिन...तेरे सामने चोदुंगा स्साले को...क्या कुल्हे मटकाती है/...गांड मार दुंगा तेरे सामने..."
"नही...मुंझे और तेरी बहना को ही चोदेगा तो कुत्ते....अच्च्छा कुत्ता बन और तेरे लंड का हुनर दिखा..."
साडी उपर करने से और उपर का हिस्सा पल्लु में छिपने से वो बहोत ही गजब कि चुउदखोर दिख रही थी. मैने उसकी चूत को चुमा. चूत में चारो उंगलीयां घुसाके अंदर का मुलायम मुआयना किया. अब तक मुंझे मालूम हो गया था कि मेरी रंडी मां को क्या अच्छा लगता है.
उसने टांगे और फैला दी.
मैने मेरा लंड उसकी चूत में घुसेड दिया. उसने बडी प्यारी आह भरी. चूत उसकी रस से सराबोर थी. मां तो हमेशा कि तरह मस्ती में थी. उसने उसके चुत के स्नायु ऐसे जकड लिये कि मेरा लंड जैसे कुंवारी चूत मे था.
फिर मैने धीरे धीरे उसकी चूत में धक्के देना शुरू किया.
"कैसा लग रहा है?"
"बडा प्यारा. क्या स्टाईल है!. काश तेरी बहना यहां होती और ऐसे मां को चुदते देखती..."
"देखती तो साली चूत से पानी का सागर बहा देती...उस कुतिया को तो श्याम को चोदुंगा...पहले तुझे..."
"हां मेरे लाल.,..मेरे राजा...जरा जोर से धक्के दे...बहोत गर्म हो गई हुं मैं!"
"जानता हुं..." मैने और धक्के मारे.
फचाक फच्च फच्चाक्क्क्क्क्क....
उसकी टांगे मैने मेरे कंधों पर रखी. उसे और जोरों से धक्के देने लगा. वो भी गांड उचका उचकाकर मेरा साथ देने लगी.
"रंडी मां....ये तेरा भोसडा आज तो मै खा ही जाउंगा..."
"खा ले ...चबा चबा के खा ले मेरे लाल,...." वो मस्तीभरी गहरी आवाज में बोली.
"रंडी...ए ले..." मैने जोरो का धक्का दिया. वो कराह उठी.
"कैसे चोदू बेटे को जनम दिया मैंने..."
"कुत्ती, तुही चुदास है....तुने ही मुंझे पटाया...गांड भी मरवा ली थी....मेरी बहना को मेरे नीचे तुनेही सुलाया...स्साली....इक दिन कुत्ते से चुदाउंगा तुझे..."
"चलेगा..." मां उसी मस्तीभरी आवाज में बोली. "देखुंगी कुत्ता अच्छा है के तु!"
"साली फादरचोद, तू तो गधे से भी चुदेगी..."
और मैं तेजी से उसकी चूत मे धक्के देता गया. उसकी चूत चुदते हुए मुंझे साफ दिख रही थी. उसका होल धक्कों के साथ छोट बडा हो रहा था. चूत कि दोनो दिवारों से उसका रस बाहर आ रहा था. मेरा लंड पुरा गीला हो गया था. फच-फच-फचाक कि आवाज बेडरुम में गुंज रही थी...
अब मेरा निकलनेवाला था. मैने सट से मेरा लंड उसकी चूत से बाहर किया और कहा, "आ नीचे...मेरा पानी पी रंडी..."
वो झट से टेबल से उतरी. नीचे बैठ मेरा लंड मुंह में ले लिया.
मैने मेरा वीर्य उसकी मुंह में छोड दिया. वो सब पी गई.
फिर मुंह पोछते हुए वो उठी. मुंझे चुमा, कहा,
"बेटा, क्या वाकई मै तुझे खूष करती हुंं?"
मैने उसे बाहों में भर लिया. कहा...
"मां, तुम और बहना मुंझे इतना खूष रखती हो कि स्वर्ग यहीं हैं. आय लव यु मदर! तेरी चूत और गांड बहोत हे प्यारी है!"
उसने उसकी चड्डी पहन ली. मैने भी प्यंट चढा ली. उसे वापस बाहों में लिया. बेतहाशा चुमा.
फिर हम बेड पर कुछ देर सो गये.
रात का प्लान मेरे दिमाग में तय्यार हो रहा था!
See next बहन ने मुंझे चोदा...
I seduced my Son and got fucked!
After getting great fuck in
my cunt and ass hole by a street boy, I was quite content and was musing how my
own boy…my son will fuck me. I was wondering how I was going to seduce him. Should
I propose him directly or create a situation so that he will make me naked and
push his hard penis in my hot cunt.
I was getting more and
lustier as I thought I would be sucking my son’s cock in my warm mouth…soak it
with saliva and also lick his balls. How great it would be to have my own son’s
rod in my mouth. How big or small it would be didn’t matter. The lust for sun
was getting heavy on me.
And how he will look at my
shaven cunt? Wouldn’t it make him hot? Will he lick my cunt? How he will insert
his cock in my pussy with thrust!
Ah…street boy had filled me
up with lust and I was dying to have my son inside me!
In the evening he came home. He
seemed very casual, as usual. My eyes had become misty. My voice too had become
little hoarse. Cunt was itching with desire. It was streaming with my juices. I
was answering his usual questions but was trying to gauge him. How to take him
to bed was the great question I was facing at the moment.
Then I just thought, I had no
choice but to be bold and shameless. Didn’t I had called unknown street boy and
had fuck from him? Then he is my son. He will obey my orders. He is young and
must be dying for young cunts.
After dinner he was ready to
retire for his bedroom. I followed him in. He looked back at me. Suddenly I
embraced him and started crying. He was astonished.
“Why mom, what happened?”
“I am feeling lonely. Should
I sleep in your bedroom tonight?”
“Oh yes, why not mom?” he
said.
I wiped out my tears. I was
happy. Still I kept my face sad and hugged him again, this time I didn’t forget
to press my breasts hard against his chest. He caressed me on head with care.
“Never feel lonely mother. I
always am with you and care for you.”
I remained for longer time in
his arms. His masculine smell was filled up in my nostrils.
I unwillingly got out of that
embrace. He sat on the bed. I too sat beside him. He started asking me
something that I didn’t hear. Lust had
made me mad. Anyhow I wanted my son in my arms, naked.
I suddenly embraced him. He
was astonished. I said him, “I am lonely because I have no friend. My life has
become miserable because of this loneliness. Would you become my friend?”
“I am your friend Mom…” he
said, sensing the hidden meaning behind the scene. This time he caressed my breasts,
as if unintentionally. I planted a kiss on his cheek and then on his lips. In
few moments his tongue was hitting my throat. I was trying to suck his tongue. Yes,
he was hot and he knew what I wanted. Thank god.
He moved his hand on my
breasts. Squeezed the both one after other and inserted his hand inside to feel
its softness.
“I always wanted you mom…but
never could dare…you are too hot….you need a man…and I will be your good
man…will make you happiest woman on this earth…”
“Yes my son, I was longing
for you…your body…” Looking deep in his eyes, I kissed him again.
His hand had reached my
stomach. He was trying to find gap to reach my cunt. I helped him by removing
my under garments. I was naked now except for my top. That too I removed and was
naked before my son.
“Oh…you look like goddess of
sex.” He was looking at my shaven cunt and full breasts.
He god up and took me in his
arms again, fondling my cunt mount with one hand. Slowly he reached even lower;
parting my twat felt wetness and warmth of my inside. I grabbed his rock hard
penis and said…” You too remove your cloth…”
In moments he too threw his
cloths on bed and oh…my son…hot and erect was again in my arms. He was crazily
kissing me. He took me to bed and started kissing my entire body…lips, cheeks,
naval, thighs and then….
My cunt!
He parted my cunt lips.
Squeezed love button. He didn’t know as if what to do first. He inserted his
finger inside me. Felt my burning flesh then kissed my love button and then
removed his finger from inside and pressed his mouth on my cunt…inserting his
tongue in my hole.
Oh God! Oh my son…I am your
whore….do whatever you want to do with my body….the memories of fuck with
street boy were vanished. This was heaven of lust…sex with own son.
He was making sounds while
licking my cunt. I didn’t know whether I should utter ugly words. But I could
not control…
“Lick me my dog, eat my
cunt…make your whore mom happy…I will make you…give your cock in my
mouth…fucker son…’
“Yes my bitch mother…you
taste good…this hole….I am going to fuck so hard that should make a tunnel of cunt….”he
muttered through licking…
Juices had started oozing
through my cunt. Never ever I had got such joy. He was drinking my juices. His
face was too wet of it. I asked him to lie down. His penis was erect and hard.
Must be 6 or 7 inches long. Bigger than that street boy. I held his penis in my
hand, kissed his top and fondled balls. Then I took him completely in my
mouth…started sucking.

“You are rand mother. Like whore lick me…I want to
fuck your mouth…” and with this grabbed my hair and started giving hard
thrusts. In my mouth. I loved being whore for my son. I licked his balls too
and made them wet with my saliva. He loved it. He abused me with all sexy
terms.
In moments he released his
thick liquid in my mouth. The salty taste was great. I drank semen of my son.
Soon I will have it in my womb too!
His penis had become little
limp. With release of tension we both were little relax. We slept on the bed in
each other’s arms. He was still fondling my breasts. I was caressing his limp
penis.
“What a sex mm…why not you
asked me to fuck you before?”
“My son, sorry…now I am
yours. Your wife, your whore, your bitch and whatever you call me. I want you
in my cunt and in my ass hole and in my mouth all the time.”
He reached my cunt mound.
“You have wonderful cunt. This is the place
from where I came.”
“Uh. Now in it will be your
rod. Give as hard as thrusts…make it a
tunnel…I don’t mind my fucker son…”
“Yes mom…my whore…” And he
inserted his two fingers inside me. A current of lust ran through my body,. I
was again ready for sex and to take him in me. I fondled his balls.
“You have big tool son…” I
said. “And it is hard now…will you care
to insert that in my bitchy cunt and fuck?”
“yes Mom…I m ready…”
I parted my legs, bent in
knees I took them up so that he had great view of my cunt and comfortable for
his thrusts.
He sat on knees before my
cunt. He kissed cunt, love button and rubbed his tip of penis on my cunt lips.
Then he aimed my hole.
I closed my eyes in
anticipation.
And lo…what a thrust he gave.
I let out a cry of desire. Held his buttocks and started moving my buttocks in
rhythm matching to his.
Ah…what a feeling it was. His
penis was reaching my womb. I was passionately receiving his hard thrusts and
moaning in lust…abusing him…calling him anything that came to my mind…
Then he asked me to get into
doggy positing. I thought he would fuck my ass hole…I wanted him in my cunt…ass
hole not now.
He too wanted to continue
with my cunt. He pressed by fleshy buttocks, slapped hard on both, and then
adjusted his penis to my cunt hole and gave more hard strokes. I moaned with
pleasure. “More more….” I was crying…and he was obeying with pouring filthy
words on me.
I was drenched in sweat and
so he was. Still he was giving faster and faster strokes in my cunt. “You look
great from back mom…what sexy buttocks you do have….I will fuck your anus too…”
he said halting through breath.
“Yes son…fuck me there too…I
am dying for your rod in my ass hole too!”
“Yes my whore…my randi…”
After continuing hard strokes
in my cunt, he splashed his cum in my cunt. Same time, I too shivered and
released stream of my cunt juices to mingle with his.
I
was satisfied. Mist was cleared. My son planted kisses on my buttocks and then
grabbed me in his embrace.
“You
are great mother. You gave me immense joy of sex. Now I own your body…your cunt…everything…”
“Yes
my son…” I said. Smiled at him. “I too liked your style of sex. You are a great
lover.”
I
passionately kissed him. Now I was not
his mother…his lover…his sex partner…
Having
sex with son was the great fantasy coming true. I needed no one else now to
quench my thirst. I had my son. And now I was going to have every joy of sexual
union with him!
“Son,
whole night is ours. You have a dream to have sex in my anus…I will fulfill
your desire…let me get clean first…”
And
I walked towards toilet. He sat watching my heaving hips…
Must
be dreaming how he was going to fuck me there as well!
(To
be contd.)
Previous chapter...click...
http://greatinceststories.blogspot.in/2015/10/she-got-her-ass-fucked.html
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Monday, 11 January 2016
मां और बहन कि चूत चोदी
मां ने मुंझे वचन दिया था कि रात को वो मेंरी बहन को मेरे नीचे सुलायेंगी. वो भी चुदाई मे हिस्सा लेगी. मै बेसबरीसे श्याम होने का इंतजार कर रहा था. मां मेरे बहन को कैसे पटायेगी ये समझ नहीं आ रहा था. पगर मै बेतहाशा एक्साईट था.
शाम को बहना कुल्हे मटकाती घर आई. आज मै उसे बडी गौर से देख रहा था. नजर में वासना झलक रही थी. आज ये मेंरी होनेवाली है.
मै किचन में गया. मां खाना बना रही थी.
"मां...आज बहना भी मिलेगी मुंझे?"
वोह मुस्काई. फुसफुसाते हुए बोली, "इतनी उसकी गांड कि याद आ रही है?"
"तेरे साथ साथ उसे भी एक ही बिस्तरपर चोदना है मां. कैसे जुगाड करोगी?"
"वो मेरे उपर छोड...खाना खा लेंगे फिर सब बिस्तर पर जायेंगे..."
मै हाल में आ गया. आंखों के सामने बहना कि नंगी फिगर घुम रही थी. बहना उसकी रुम में चली गई थी...शायद चेंज करती होगी.
रात हुई. हमने ऐसेही बाते करते करते खाना खाया. मां मेरे ओर कनखियों से देखकर कुछ मजाक भी छेड रही थी. बहना को उसके दोस्तों के बारे में पुंछ रही टी शर्ट मे बहना गे गदराये बुब्ज बहोत ही सेक्सी लग रहे थे. मुंझे उसे ताकते हुए देख मं ने छेडा, "क्या रे उसकी तरफ देख रहा है? बिबी है वो तेरी?"
मै चौक गया. बहन हंसने लगी. मां बोली, "इजिप्त में एक जमाने में राजा लोग अपनी बहन से ही शादी करते थे? हैं मालूम?"
मै कुछ नहीं बोला. बहना बोली, "हां, मुंझे मालूम है. मगर अब ऐसी बातों को पाप कहते है."
"पाप तो मन का एक खयाल है." मां बोली. "मुझे लगता है भरत में सेक्स के बारे में खुली बात करना ही भी गलत माना जाता है और सबसे ज्यादा रेप यहां ही होते है. मै तो कहती हुं मा, बेटा, बेटी इसके बारे मे खुली बात करे तो हेल्दी माहौल रहेगा..."
बहना शायद शरमा रही थी. मै तो बस उसकी बुब्ज कि ओर देख रहा था. खाना हो गया. हम हाल में आ गये. मां ने बर्तन सिंक में रख दिये और बोली, "चलो बेडरुम मे...शायद वहां हम और बाते कर पायेंगे..."
हम बेडरुम गये. मां ने बहन से पुछा, "क्या रि, ब्लु फिल्म देखी है कभी?"
बहन इस सवाल से बेतहाशा शर्मा गई. कुछ न बोली. बेड पर बैठ नीचे ताकती रही. मै हवस से गर्म होता जा रहा था. मां ऐसा क्यो खुला बोल रहे है समझ गया था. आखिर उसे मेरे नीचे सुलाने का वादा जो किया था.
"अरे , देखती भी होगी तो बुरा क्या है उसमें? उल्टे ब्ल्यु फिल्म देखने से असल म्दें सेक्स करे तो ज्यादा अच्छा. ब्यु फिल्मे देख देख कर वासना कम हो जाती है. जवान लडकी हो." और मुंझ से पुछा, "तू बंदर, तू नही देखता ब्यु फिल्म?"
"हा मां..."
"कौन सी अच्छी लगती है तुझे?"
"मा...वो...ब्वो...इन्सेस्टवाली..."
"इन्सेस्ट...माने भाई बहन...मां बेटेवाली?"
"हां मां..."
"तो फिर दोपहर हमने किया वैसे ही?"
बहन चौंक गई ये सुनकर. वो आंखे फाड कर मां और मेरी ओर बारी बारी देखते रही. उसे कैसे विश्वास होगा? मै भी जरा शरमा गया था. मां इस तरह भंडा फोडेगी, कहा सोचा था?
"हां मां..." मैने हौले से सर न्नीचे कर कहा.
"कैसे लगा मां से चुदकर?"
"बहोत अच्छा लगा मां..."
"फिर ब्ल्यु फिल्म देखेगा?"
"अब नहीं मा...बस तुझे चोदता रहुंगा..."
"बस मुंझे?...तेरी बहना को चोदनेका इरादा छोड दिया क्या?"
"नहीं मां...अगर वो राजी हो तो..."
"सुना तुने?" उसने बहना से पुछा. बहना शर्म से शायद पानी पानी हो रही थी. वहां से भाग जाना चाह रही थे जैसे. मगर शायद वसना कि आग उसके अंदर भी भडक उठी थी. वो वैसेही बैठी रही.
"तो क्या राजी है तू?" बहना कुछ न बोली. मां ने सीधे अपना गाऊन उतार दिया. ब्रा और प्यंटी भी नोइकाल दी. अब पुरी नंगी थी वोह.
"आ बेटे, चोद अपनी मां को जी भर के. देख ले तू...फिर तेरी भी चुत से पानी छुटने लगेगा और चुदाने को कहोगी अपने प्यारे भय्या से. देख, इसमें कोई गलत नही...कोई पाप नहीं...आ जा बेटे...हो जावो नंगे अपनी मां और बहना के सामने..."
मैने अपने कपडे उतार दिये. मां के पास गया और उसे बाहों में भर लिया. उसके बुब्ज हौले हौले दबाने लगा. मां ने अपनी टांगे चौडी कर दी. उसकी फुली हुई बिन झांटों कि चूत गजब कि दिख रही थी. उसका दाना फुला हुआ था और छेद के अंदर का रसभरा गुलाबी हिस्सा जैसे मेंरा लंड अंदर लेने को तडप रहा था. मेंरा लंड सख्त था. मैने उसकी चूत को सहलाया. फिर दो उंगलियां अंदर घुसेड दी और बहना कि तरफ देखा. वो आंखे फाडफाड कर वो न्जारा देख रही थी जिसकी शायद उसने सपने में भी कल्पना नहीं की थी. उसकी आंखों से वासना के बादल उमडते हुये मै देख रहा थ. मैने मां के होठों का चुंबन लिया., जोरो से बुब्ज दबये और उंगली से ही उसे चोदने लगा.
"हाय मेरे बेटे...क्या लंड है तुम्हारा. मेंरी तो तुने आज गांड भी मार दी. अब इसकी भी गांड मारो...मगर हम दोनो कि चूत को पहले मजा दो,,"

"हां मां..." मैने बहना कि ओर देखा. वो उठ गई थी और अपने कपडे उतारने लगी थी. वासना का ऐसा झटका कहां? उसके नंगे बदन का नजारा देख मेंरी आंखे फैल गई. क्या चूत थी उसकी. गांड तो वल्ला वल्ला. वोह बेड पर आ गई और मेरी बाजु में लेटकर मुझे पिछे से बाहों में भर लिया. फिर मेरे लंड को पकड लिया.
"भय्या...मै भी चुदेगी. मां को चोद फिर मुंझे..."
मां ने मुझे चुमा. उसकी चुत पानी से भर गई थी. "राजा बेटे. चोद ले मुंझे. तेरी मां बडी मस्ती में है. उसकी चूत आज उधेड दे दोपहर कि तरह...फिर मैं तुझे तेरी बहन कि चुत और गांड मारते देखना चाहती हुं,...अआह...कितना मजे देता है तू चूत में..."
बहन भे लंड सहला रह्गी थी. क्या जन्नत का नजारा होगा. मैने करवट लेकर बहन को बाहों में लिय्या, उसके मुलायम गदराये बुब्ज दबाये...उसकी बालों वाली चुतपर जैसे ही हाथ रखा, भट्टी कि तरह जल रही थी वो. उसका बदन सिकुड गया. मैने उसे चुमा. बोला, "बहन...पहले मां की चूत मे लंड घुसाता हुं...फिर पहले मै तेरी गांड मारुंगा...बहोत पुराना सपनअ है..."
"ठीक है भय्या...." उसने धीरे से कहा. मै वापस मां कि बगल मे आ गया. उसे बेतहाशा चुमा और कहा...
"तेरे जैसी रंडी मां किसी को नही मिलेगी, साली चूत...देख तेरी चुत का भोसडा बना दुंगा...आज तुने मेरी बहन मेरे सामने नंगी कि है ना...उसे उसका प्राइझ मिलना तो होगा..." और उसकी चूत में चार उंगलिया घुसेड दी. वो कराह उठी. "धीरे बेटा...चार चार उंगलिया चुत मे घुसोडोगे तो फट जायेगी ना..."
"फटने दे कुत्ती....तेरी गांड का भी भोसड बना दुगा..." कहकर मै उसके उपर चढ गया. उसने टांगे फैलाकर मेरे कंधों पर रख दिये. मैने जोर के झटकेके के साथ उसकी भोसडी में लंड घुसा दिया. "उई मा....ओह्ह्ह उम्म्म्म ....चोद..." वोह बोली. मैने बहना कि ओर देखा. वो हमारी ओर अपलक तक रही र्थी, अपने बुब्ज दबा रही थी, चूत पर से हाथ फेर रही थी. मैने बाये हाथ से उसके भी बुब्ज दबा दिये और मां को भी चोदता रहा...
फच्च फच्च...आह मेरी फुदी....आह चोद राजा...और जोर से चोद....रंडी मां हुं मै तेरी...कुतिया हुं और तुम मेरे कुत्ते...कैसे चोदू को जना मैने...चोद रे मादरचोद...तेरी बहन कि भी चुत फाड डाल आज...उसकी गांड मे भर दे तेरा लंड...कुत्ती बना डाल साली चुतडी को. वो बेच बीच में वासना में सवार कही जा रही थी. बहन के हाल बेताब थे. वह भी कराह रही थी...उपर उठकर आई ऐसे कि मेरा हाथ उसकी चूत तक पहुंचे. मेरा क्या था...मैने जन्नत पे हाथ फेरा और उ७समें एक उंगली घुसेड दी. बहोत ही टाईट थी उसकी चुत...तो गांड कितनी टाईट होगी...
"मां, मेरी हरामी कुत्ती मां....क्या मजा दे रही हो..." वह गांड उचक उचकाकर मेरा साथ दे रही थी. उसकी चूत के मसल्स ने मेरा लंड इतना टाईट कर दिया जैसे कूंवारी चूत हो. मैने तेजी से धक्के देने शुरु किया. बहन की चूत भी गिली हो गई थी. दोनो चूत का मजा एक साथ लेने का आनंद आप क्या जानो? वह भी तब लंड मां कि चूत में और उंगली बहना कि चूत मे हो तो!
मां झड गई. मै भी. हांफता हुआ उसके बदन पर लेटा रहा. लंड अपने आप बाहर आ गया.
"कमाल हो तुम बेटे..."
"तु तो बहोत कमाल कि हो मां..." मैने कहा और उसके बदन के उपर से उतर गया. लेटा रहा. मेरी वासना थोडी देर के लिये शांत हो गई थी. मगर बहना वासना कि आग में जल रही थी. उसने मेरे सिकोडे हुये लंड का कब्जा ले लिया. हाथ में पकड कर सहलाती हुई. फिर नीचे आई और मेरे लंड को चुसना शुरु किया. मै फिर उत्तेजना से भर गया.
"मा कि चूत चोदी है...अब मेरी चोदो..." उसने कहा. "मै भे तेरी रंडी बनना चाहती हुं..." उसने कसमसाते हुये कहा. मै उसकी नंगी गांड को देखता रहा. गोरी, मांसल एवं बादाम के शेप मे थे उसके दोनो कुल्हे. उसके गांड के छेद मे लंड घुसाने का सपना अब कुछ ही पलों कि बात थी. मेरा लम्ड तन उठा था. वो बडी बखुबी से लंड और आंड चाट रही थी.
"आओ ब्रदर...चोदो मुंझे अब..."
"मै तेरी गांड मारुंगा..."
"बाद में. पहले मेरी चूत कि आग ठंडी करो...फिर जी चाहे उतनी गांड मारो...मां कि भी मारो..."
"ओके बहना..." मैने उसे बाहो में भर लिया. उसके बुब्ज तन गये थे. निपल्स छोटी थी..मगर वो भी कुचीली बन गई थी. मैने उसे जी भर के दबाया, चाटा. उसकी चूत मुंझे न्यौता दे रही थी. उसकी चूत को मैने बहोत प्यार से चुमा. हालांकि उसके चूत मां कि अपेक्षा छोटी थी, मगर उसका उभार बहोत अच्छा था. उसका दाना फुल गया था. च्चूत से रस बह रहा था.
मैने उसे ज्यादा इंतजार करने नहीं दिया. सीधा उसको नीचे कर उसकी उपर चढ गया. मां बाजु बैठकर ये नजारा देख रही थी. अपने बुब्ज दबा रही थी. वो कुतिया शायद गर्म हो गई थी वापस.
मैने बहना के चूत के होल का निशाना साधा और मेंरा लंड सीधा अंदर घुसेड दिया. वो धर्द से कराह उठी. "धीरे भय्या...पहली बार चूद रही हुं...मां की तरह भोसडा नही बना है मेरी चूत का..."
सच था. मैने बडॆ प्यार से उसे चुमा. धीरे धीरे उसे धक्के देने लगा. उसने टांगे उपर कर घुटने मोड कंधों तक ले गई. मैने नीचे देखा. क्या नजारा दिख रहा था चूत का. देखते ही मै और गर्म हो गया. लंड तन गया. जोरों से धक्के देने लगा. वो मां की तरह सेक्सी बाते नहीं कर रही थी. उसे आदत नहीं थी शायद.
"साली बहना...तू तो कमसीन चूत है,....स्साली रंडी बहन...कुत्ती...चूत मे तेरे बहोत दम है....मार्ता हुं...रोज मारुंगा..."
"हां भय्या...मेरे चोदू भय्या...कुत्ती हुं मै तेरी मेरे प्यारे कुत्ते...चोद...आह...धीरे..."
चोदता रहा. उसकी चूत कामरस से बह रही थी.
फिर मेरा गाढा वीर्य उसके चूत में छूट गया.
"वाह...क्या चोदा तुने अपनी बहन को...मेरे लाल....ऐसे ही चोदू रह..." मां बोली. अब वो अपनी चूत में उंगली डाल अपनी वासना का शमन कर रही थी. मै समझ गया...उसे और चुदाई चाहिये...
मै अब दो बार लगातार चुदाई कर थक गया था. मै लेटा रहा. बहना मेरी पहलु मे आ लेट गई. मां भी. मैने दोनो के बुब्ज पर हाथ रखा और हौले से दबा रहा था.
"अब मेरी गांड मारोगे या उसकी?" मां ने धीरे से पुछा.
"मै बहना कि गांड मारुंगा...फिर तेरी..."
"नहीं...पहले मां कि मार. देखने दो मुझे गांड कैसे चोदते है. मां बडी कुतिया है...मैं छोटी..."
मै मुस्कराया.
दो कुतिया...मां और बहन नंगी मेरी बाहों में थी.
और उनको मैं पुरी रात चोदनेवाला था.
पहले गांड किसकी मारु?
मै सोचता हुआ जरा आराम कर रहा था. वो भी लेटी मेरे लंड को सख्त बनाने कि कोशिश में जुटी थी.
(अगली किश्त)
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शाम को बहना कुल्हे मटकाती घर आई. आज मै उसे बडी गौर से देख रहा था. नजर में वासना झलक रही थी. आज ये मेंरी होनेवाली है.
मै किचन में गया. मां खाना बना रही थी.
"मां...आज बहना भी मिलेगी मुंझे?"
वोह मुस्काई. फुसफुसाते हुए बोली, "इतनी उसकी गांड कि याद आ रही है?"
"तेरे साथ साथ उसे भी एक ही बिस्तरपर चोदना है मां. कैसे जुगाड करोगी?"
"वो मेरे उपर छोड...खाना खा लेंगे फिर सब बिस्तर पर जायेंगे..."
मै हाल में आ गया. आंखों के सामने बहना कि नंगी फिगर घुम रही थी. बहना उसकी रुम में चली गई थी...शायद चेंज करती होगी.
रात हुई. हमने ऐसेही बाते करते करते खाना खाया. मां मेरे ओर कनखियों से देखकर कुछ मजाक भी छेड रही थी. बहना को उसके दोस्तों के बारे में पुंछ रही टी शर्ट मे बहना गे गदराये बुब्ज बहोत ही सेक्सी लग रहे थे. मुंझे उसे ताकते हुए देख मं ने छेडा, "क्या रे उसकी तरफ देख रहा है? बिबी है वो तेरी?"
मै चौक गया. बहन हंसने लगी. मां बोली, "इजिप्त में एक जमाने में राजा लोग अपनी बहन से ही शादी करते थे? हैं मालूम?"
मै कुछ नहीं बोला. बहना बोली, "हां, मुंझे मालूम है. मगर अब ऐसी बातों को पाप कहते है."
"पाप तो मन का एक खयाल है." मां बोली. "मुझे लगता है भरत में सेक्स के बारे में खुली बात करना ही भी गलत माना जाता है और सबसे ज्यादा रेप यहां ही होते है. मै तो कहती हुं मा, बेटा, बेटी इसके बारे मे खुली बात करे तो हेल्दी माहौल रहेगा..."
बहना शायद शरमा रही थी. मै तो बस उसकी बुब्ज कि ओर देख रहा था. खाना हो गया. हम हाल में आ गये. मां ने बर्तन सिंक में रख दिये और बोली, "चलो बेडरुम मे...शायद वहां हम और बाते कर पायेंगे..."
हम बेडरुम गये. मां ने बहन से पुछा, "क्या रि, ब्लु फिल्म देखी है कभी?"
बहन इस सवाल से बेतहाशा शर्मा गई. कुछ न बोली. बेड पर बैठ नीचे ताकती रही. मै हवस से गर्म होता जा रहा था. मां ऐसा क्यो खुला बोल रहे है समझ गया था. आखिर उसे मेरे नीचे सुलाने का वादा जो किया था.
"अरे , देखती भी होगी तो बुरा क्या है उसमें? उल्टे ब्ल्यु फिल्म देखने से असल म्दें सेक्स करे तो ज्यादा अच्छा. ब्यु फिल्मे देख देख कर वासना कम हो जाती है. जवान लडकी हो." और मुंझ से पुछा, "तू बंदर, तू नही देखता ब्यु फिल्म?"
"हा मां..."
"कौन सी अच्छी लगती है तुझे?"
"मा...वो...ब्वो...इन्सेस्टवाली..."
"इन्सेस्ट...माने भाई बहन...मां बेटेवाली?"
"हां मां..."
"तो फिर दोपहर हमने किया वैसे ही?"
बहन चौंक गई ये सुनकर. वो आंखे फाड कर मां और मेरी ओर बारी बारी देखते रही. उसे कैसे विश्वास होगा? मै भी जरा शरमा गया था. मां इस तरह भंडा फोडेगी, कहा सोचा था?
"हां मां..." मैने हौले से सर न्नीचे कर कहा.
"कैसे लगा मां से चुदकर?"
"बहोत अच्छा लगा मां..."
"फिर ब्ल्यु फिल्म देखेगा?"
"अब नहीं मा...बस तुझे चोदता रहुंगा..."
"बस मुंझे?...तेरी बहना को चोदनेका इरादा छोड दिया क्या?"
"नहीं मां...अगर वो राजी हो तो..."
"सुना तुने?" उसने बहना से पुछा. बहना शर्म से शायद पानी पानी हो रही थी. वहां से भाग जाना चाह रही थे जैसे. मगर शायद वसना कि आग उसके अंदर भी भडक उठी थी. वो वैसेही बैठी रही.
"तो क्या राजी है तू?" बहना कुछ न बोली. मां ने सीधे अपना गाऊन उतार दिया. ब्रा और प्यंटी भी नोइकाल दी. अब पुरी नंगी थी वोह.
"आ बेटे, चोद अपनी मां को जी भर के. देख ले तू...फिर तेरी भी चुत से पानी छुटने लगेगा और चुदाने को कहोगी अपने प्यारे भय्या से. देख, इसमें कोई गलत नही...कोई पाप नहीं...आ जा बेटे...हो जावो नंगे अपनी मां और बहना के सामने..."
मैने अपने कपडे उतार दिये. मां के पास गया और उसे बाहों में भर लिया. उसके बुब्ज हौले हौले दबाने लगा. मां ने अपनी टांगे चौडी कर दी. उसकी फुली हुई बिन झांटों कि चूत गजब कि दिख रही थी. उसका दाना फुला हुआ था और छेद के अंदर का रसभरा गुलाबी हिस्सा जैसे मेंरा लंड अंदर लेने को तडप रहा था. मेंरा लंड सख्त था. मैने उसकी चूत को सहलाया. फिर दो उंगलियां अंदर घुसेड दी और बहना कि तरफ देखा. वो आंखे फाडफाड कर वो न्जारा देख रही थी जिसकी शायद उसने सपने में भी कल्पना नहीं की थी. उसकी आंखों से वासना के बादल उमडते हुये मै देख रहा थ. मैने मां के होठों का चुंबन लिया., जोरो से बुब्ज दबये और उंगली से ही उसे चोदने लगा.
"हाय मेरे बेटे...क्या लंड है तुम्हारा. मेंरी तो तुने आज गांड भी मार दी. अब इसकी भी गांड मारो...मगर हम दोनो कि चूत को पहले मजा दो,,"

"हां मां..." मैने बहना कि ओर देखा. वो उठ गई थी और अपने कपडे उतारने लगी थी. वासना का ऐसा झटका कहां? उसके नंगे बदन का नजारा देख मेंरी आंखे फैल गई. क्या चूत थी उसकी. गांड तो वल्ला वल्ला. वोह बेड पर आ गई और मेरी बाजु में लेटकर मुझे पिछे से बाहों में भर लिया. फिर मेरे लंड को पकड लिया.
"भय्या...मै भी चुदेगी. मां को चोद फिर मुंझे..."
मां ने मुझे चुमा. उसकी चुत पानी से भर गई थी. "राजा बेटे. चोद ले मुंझे. तेरी मां बडी मस्ती में है. उसकी चूत आज उधेड दे दोपहर कि तरह...फिर मैं तुझे तेरी बहन कि चुत और गांड मारते देखना चाहती हुं,...अआह...कितना मजे देता है तू चूत में..."
बहन भे लंड सहला रह्गी थी. क्या जन्नत का नजारा होगा. मैने करवट लेकर बहन को बाहों में लिय्या, उसके मुलायम गदराये बुब्ज दबाये...उसकी बालों वाली चुतपर जैसे ही हाथ रखा, भट्टी कि तरह जल रही थी वो. उसका बदन सिकुड गया. मैने उसे चुमा. बोला, "बहन...पहले मां की चूत मे लंड घुसाता हुं...फिर पहले मै तेरी गांड मारुंगा...बहोत पुराना सपनअ है..."
"ठीक है भय्या...." उसने धीरे से कहा. मै वापस मां कि बगल मे आ गया. उसे बेतहाशा चुमा और कहा...
"तेरे जैसी रंडी मां किसी को नही मिलेगी, साली चूत...देख तेरी चुत का भोसडा बना दुंगा...आज तुने मेरी बहन मेरे सामने नंगी कि है ना...उसे उसका प्राइझ मिलना तो होगा..." और उसकी चूत में चार उंगलिया घुसेड दी. वो कराह उठी. "धीरे बेटा...चार चार उंगलिया चुत मे घुसोडोगे तो फट जायेगी ना..."
"फटने दे कुत्ती....तेरी गांड का भी भोसड बना दुगा..." कहकर मै उसके उपर चढ गया. उसने टांगे फैलाकर मेरे कंधों पर रख दिये. मैने जोर के झटकेके के साथ उसकी भोसडी में लंड घुसा दिया. "उई मा....ओह्ह्ह उम्म्म्म ....चोद..." वोह बोली. मैने बहना कि ओर देखा. वो हमारी ओर अपलक तक रही र्थी, अपने बुब्ज दबा रही थी, चूत पर से हाथ फेर रही थी. मैने बाये हाथ से उसके भी बुब्ज दबा दिये और मां को भी चोदता रहा...
फच्च फच्च...आह मेरी फुदी....आह चोद राजा...और जोर से चोद....रंडी मां हुं मै तेरी...कुतिया हुं और तुम मेरे कुत्ते...कैसे चोदू को जना मैने...चोद रे मादरचोद...तेरी बहन कि भी चुत फाड डाल आज...उसकी गांड मे भर दे तेरा लंड...कुत्ती बना डाल साली चुतडी को. वो बेच बीच में वासना में सवार कही जा रही थी. बहन के हाल बेताब थे. वह भी कराह रही थी...उपर उठकर आई ऐसे कि मेरा हाथ उसकी चूत तक पहुंचे. मेरा क्या था...मैने जन्नत पे हाथ फेरा और उ७समें एक उंगली घुसेड दी. बहोत ही टाईट थी उसकी चुत...तो गांड कितनी टाईट होगी...
"मां, मेरी हरामी कुत्ती मां....क्या मजा दे रही हो..." वह गांड उचक उचकाकर मेरा साथ दे रही थी. उसकी चूत के मसल्स ने मेरा लंड इतना टाईट कर दिया जैसे कूंवारी चूत हो. मैने तेजी से धक्के देने शुरु किया. बहन की चूत भी गिली हो गई थी. दोनो चूत का मजा एक साथ लेने का आनंद आप क्या जानो? वह भी तब लंड मां कि चूत में और उंगली बहना कि चूत मे हो तो!
मां झड गई. मै भी. हांफता हुआ उसके बदन पर लेटा रहा. लंड अपने आप बाहर आ गया.
"कमाल हो तुम बेटे..."
"तु तो बहोत कमाल कि हो मां..." मैने कहा और उसके बदन के उपर से उतर गया. लेटा रहा. मेरी वासना थोडी देर के लिये शांत हो गई थी. मगर बहना वासना कि आग में जल रही थी. उसने मेरे सिकोडे हुये लंड का कब्जा ले लिया. हाथ में पकड कर सहलाती हुई. फिर नीचे आई और मेरे लंड को चुसना शुरु किया. मै फिर उत्तेजना से भर गया.
"मा कि चूत चोदी है...अब मेरी चोदो..." उसने कहा. "मै भे तेरी रंडी बनना चाहती हुं..." उसने कसमसाते हुये कहा. मै उसकी नंगी गांड को देखता रहा. गोरी, मांसल एवं बादाम के शेप मे थे उसके दोनो कुल्हे. उसके गांड के छेद मे लंड घुसाने का सपना अब कुछ ही पलों कि बात थी. मेरा लम्ड तन उठा था. वो बडी बखुबी से लंड और आंड चाट रही थी.
"आओ ब्रदर...चोदो मुंझे अब..."
"मै तेरी गांड मारुंगा..."
"बाद में. पहले मेरी चूत कि आग ठंडी करो...फिर जी चाहे उतनी गांड मारो...मां कि भी मारो..."
"ओके बहना..." मैने उसे बाहो में भर लिया. उसके बुब्ज तन गये थे. निपल्स छोटी थी..मगर वो भी कुचीली बन गई थी. मैने उसे जी भर के दबाया, चाटा. उसकी चूत मुंझे न्यौता दे रही थी. उसकी चूत को मैने बहोत प्यार से चुमा. हालांकि उसके चूत मां कि अपेक्षा छोटी थी, मगर उसका उभार बहोत अच्छा था. उसका दाना फुल गया था. च्चूत से रस बह रहा था.
मैने उसे ज्यादा इंतजार करने नहीं दिया. सीधा उसको नीचे कर उसकी उपर चढ गया. मां बाजु बैठकर ये नजारा देख रही थी. अपने बुब्ज दबा रही थी. वो कुतिया शायद गर्म हो गई थी वापस.
मैने बहना के चूत के होल का निशाना साधा और मेंरा लंड सीधा अंदर घुसेड दिया. वो धर्द से कराह उठी. "धीरे भय्या...पहली बार चूद रही हुं...मां की तरह भोसडा नही बना है मेरी चूत का..."
सच था. मैने बडॆ प्यार से उसे चुमा. धीरे धीरे उसे धक्के देने लगा. उसने टांगे उपर कर घुटने मोड कंधों तक ले गई. मैने नीचे देखा. क्या नजारा दिख रहा था चूत का. देखते ही मै और गर्म हो गया. लंड तन गया. जोरों से धक्के देने लगा. वो मां की तरह सेक्सी बाते नहीं कर रही थी. उसे आदत नहीं थी शायद.
"साली बहना...तू तो कमसीन चूत है,....स्साली रंडी बहन...कुत्ती...चूत मे तेरे बहोत दम है....मार्ता हुं...रोज मारुंगा..."
"हां भय्या...मेरे चोदू भय्या...कुत्ती हुं मै तेरी मेरे प्यारे कुत्ते...चोद...आह...धीरे..."
चोदता रहा. उसकी चूत कामरस से बह रही थी.
फिर मेरा गाढा वीर्य उसके चूत में छूट गया.
"वाह...क्या चोदा तुने अपनी बहन को...मेरे लाल....ऐसे ही चोदू रह..." मां बोली. अब वो अपनी चूत में उंगली डाल अपनी वासना का शमन कर रही थी. मै समझ गया...उसे और चुदाई चाहिये...
मै अब दो बार लगातार चुदाई कर थक गया था. मै लेटा रहा. बहना मेरी पहलु मे आ लेट गई. मां भी. मैने दोनो के बुब्ज पर हाथ रखा और हौले से दबा रहा था.
"अब मेरी गांड मारोगे या उसकी?" मां ने धीरे से पुछा.
"मै बहना कि गांड मारुंगा...फिर तेरी..."
"नहीं...पहले मां कि मार. देखने दो मुझे गांड कैसे चोदते है. मां बडी कुतिया है...मैं छोटी..."
मै मुस्कराया.
दो कुतिया...मां और बहन नंगी मेरी बाहों में थी.
और उनको मैं पुरी रात चोदनेवाला था.
पहले गांड किसकी मारु?
मै सोचता हुआ जरा आराम कर रहा था. वो भी लेटी मेरे लंड को सख्त बनाने कि कोशिश में जुटी थी.
(अगली किश्त)
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Friday, 8 January 2016
My mother...My whore...

She was great looking sexiest mother. I secretly always admired her round shaped sexy buttocks.Whenever I would masturbate I would close my eyes and would think that I was fucking her, in mouth, in cunt and in asshole. It would sure excite me more. I would dream in night that she was in my arms, naked and I was fondling her huge breasts those were feeding me when I was just a child. I would think of her cunt, from where I had entered into this world. I would wonder whether it was clean shaven or thick with hairs In all, I was mad for her. Lust for mother had taken over me.
She was in her forties, but looked as if she was a young damsel. I always hated my father when she would enter in the bedroom where my farther would be waiting eagerly on her. I would think how he would be making my mother naked and would fuck her in all excitement. I was jealous of him. But after all she was his wife.
I just could dream of fucking her…It was almost impossible to have her fucked in real life.
But imagining of her and relieving my tension was also a joy.
However I would try to see parts of her boobs when she would bent for some work. I would try to embrace her in kid like emotions and would feel warmth of her body and softness of her mounds. I would watch her ass when she was standing or walking. The jerks her ass would give were so sexy that it would strike my mind that I should grab her, lift her gown and should fuck her.
But it remained just a thought.
But one day dream came true. It is a day I would never forget in my life.
It was a holiday. Papa was not at home. Mom was reading in her bedroom in leisure. I was in hall preparing to go out. But Mom called me. I went in casually. She was as gorgeous as always was. My first glance would always fall on her boobs when she would be sitting in the bed and reading. Her thighs were well curved.
“What Mom?”
“I’d been thinking for some time that there is something up your mind…”
“What Mom?” I was surprised at this question.
“You are a young man now. Don’t you have any girlfriend?”
“No Mom…” I was feeling shy and embarrassed.
“Don’t be shy. I am your mother and can understand the feelings of her boy. I know in puberty how they get attracted to every woman…”
“Not all women, Mom…” I muttered.
She gave a smile.
“Then at whom you are attracted?”
I kept mum.
“I know…you are attracted towards me.” She said, keeping her mischievous smile intact. “Do you know what it is called in psychology?”
“No Mom…”
“It is called Oedipus Complex. Boys normally get attracted towards mothers. They pose their right on her. They are jealous of their father. Isn’t this all you feel?”
I didn’t speak, but she knew well what I was feeling.
“Do you really want your mother like a wife?”
“I love you mother…”
“This is why you keep on watching my breasts and ass and thighs…isn’t it?”
I was caught. I blushed. What a shame on me!
“Don’t feel ashamed. Answer me…”
“Yes Mom…if at all it is possible.” I mumbled.
“Come close…” she commanded.
I didn’t move.
“I will show you today what it actually is making love with mother….come. Undress yourself. Let me see how grown up you have become!”
I was confused. I was happy. But still I was thinking this impossible…I must be in dream…
“Come…undress…” she said in soft voice. “I am your mother and care f or you. I just was reading an incest story…mother-son sex. It is not sin as orthodox people may have been thinking. It is psychological need of every boy…”
“Oh Mom…” I said. I moved forward with hesitation.
“Now, remove your dress…”
Said she while removing her gown. In black bra and panty she was looking like a heavenly courtesan.
I kept looking at her as if a miracle was unfolded in front of me. My mother was nearly naked before me. It gave me some confidence. I removed my shirt and pant. My penis was hard and erect at the sight of my sexy mother.
“Now come close. You may touch me gently wherever you want. Remove my panties and bra. I will remove yours….”
I was too eager to hold her. I was too excited. I felt some volcano was erupting in me. Some mist gathered before my eyes. Lust had taken hold of me.
Lust for mother!
I sat close to her. With shivering hand caressed her thighs. I looked at hear breasts. She suddenly took me in her arms and planted a kiss on my lips.
“Don’t be shy! Don’t you masturbate thinking of me? What have you imagined of my private parts?”
I kissed her on lips and cheeks.
“Before touching my that part, tell me, how it would be you thought?”
“Don’t know mother. Sometimes I thought it is clean shaven and sometimes hairy.”
“”What you like the most?”
“Clean shaven…”
“Why?”
“I can lick it and I can insert with more ease…”
“You thought all that? Watching porn, eh?” she said in husky voice as if she too was ignited with desire.
“Yes Mom…”
“It is bad to lick cunt….but I like sucking penis. Let me see how big your is…”
And she placed her hand between my thighs. My erect rod shocked her. “You are big…” she said in husky voice. “Now remove my panty and bra and see if my cunt is as you had dreamt.”
I fondled her breasts. Then removed her bras to which she gently cooperated. The moment I removed her bra, her freed boobs looked like the sexiest part of her supple body. I grabbed both. Fondled them softly. The touch was mesmerizing, hot and so soft that as if it was butter. I kissed her while fondling her. She meanwhile was caressing my penis, letting me enjoy every bit of it as long as I wanted. Then suddenly I started sucking her boobs moving my hands towards her thighs…middle part…the panty was a hurdle. I wanted to take that out but could not wait. I inserted my hand in her and had the first soft but hottest touch ever…
She was clean shaven.
She gave a sexy smile.
“This is your mom’s cunt, son. This is the place from where you have entered this world and now you are going to become its master. Handle it carefully…”
Her soft sexy voice ignited me more. I pushed down my hand. My fingers were searching for her twat and warm hole. Yes. I got it. She was wet…
“Mom…your cunt is great…”
“You haven’t seen it yet boy…”
“Yes Mom…”
I was pressing her boobs like a crazy man. I moved a little down. She removed her panties and spread her legs.
And there was cunt of my mother for which I was lusting for months. It was a soft wheatish mound, bellow was twat and her love button was shining with her love juice… her smell was suddenly filled up my nostrils. I bent on her cunt, planted a kiss on her mound and then on her twat and on love button. Mom let out a eager sigh.
“My Son. Enjoy today. Fuck me hard. Let me suck your big penis. Ahh..your kisses on my cunt are making me hot too! Fulfill your dream. Be in haven and take me too there…”
I was like a mad kissed her cunt. I inserted my tongue in her hole…that reddish…soft hot flesh was making me crazy. I wanted to eat her. She too was responding with sexy sighs. I wanted to say something dirty, but didn’t know whether she would like it. I didn’t want to lose my sexy treasure by annoying her.
“I did not know getting licked by tongue is so exiting…you motherfucker….now give me your rod in my mouth. “
I turned in the 69 position. She caressed my rod she kissed my balls, licked them…ahhhhhh what a volcanic feeling…and she took my penis in her mouth. I was eating her cunt. Her juices were oozing out making me more and more excited.
After several minutes or hours…she said… “Now fuck me…”
I changed my position. Took her in arms. Pressing boobs I gave her a French kiss. I was trying to calm me or I knew I will release my load just by touch of her cunt lips. She caressed me. Whispered in my ear,
“I too was dreaming of this moment son. I was horny for you. Fuck me today ….like a horse…”
“I will mom…I will fuck your sexy ass hole too. I will make you my whore…I have dreamt it Mom…fucking you like a bitch in doggy style…”
“Yes son, you are making me too happy…now get on me…my cunt is waiting your stud in my cunt…”
I slowly rode her. Adjusted myself between her thighs. She had taken up her legs. Full sight of the swollen cunt was mesmerizing. I adjusted my penis. Mom too helped with her hand to direct it to her hot hole.
And there it was…a great moment…I was entering her hot wet cunt….It was as if doors to heaven were opening.
And yes.
I was in her. Took her in my arms and started pumping her.
She was jerking her buttocks to my thrusts. Room was filled up with our sighs, sexy sounds and her cunt smell.
I came in her.
She too was reached her climax to erupt her juices.
We both were sweating. I lay on her warm body for a while.
“Happy son?”
“You mom?”
“This was greatest sex I ever had. Now you are my second husband. Whenever we are alone shall enjoy it. I will give you every possible joy…of my cunt and ass hole…”
“Thanks Mom…”
I was really grateful to her. She had unfolded her secrets before me. I kissed her. I fondled her breasts softly. Caressed her wet cunt. She too was handling my limp penis.
“Would you like another round son?”
“I would be glad mom…”
“I will make it again big…”
I climbed down her body. She bent on me and started sucking my penis so wonderfully…in minutes I was hard again…
Ready to fuck my whore…
My mother!
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