Friday, 4 December 2015

चूत उसकी सुहानी थी

चूत उसकी सुहानी थी
मेंरे लंड की दिवानी थी
गांड भरी और शानदार थी
गांड में लंड लेना
असकी दिवानगी थी
चुसती थी लंड ऐसा
कि फव्वारे छुटते थे
उसे रस पीने के
बडे भारी शौक थे
स्तन ऐसे थे कि जैसे मखमल
लंड दोनो स्तनो में
लेकर चुदाती अक्सर
चुत पे नहीं थे झांट
दरार में था गुलाबे पन
बिल में उसके कितनी
आसानी से जाता मेंरा लंड
बन जाती रंडी मेरी
चुदाते चुदाते
धक्के देता चुतमे ऐसे कि
फट जायेगी ऐसा लगे
फिर गांड में भी डाल देता
उसको घोडी बना के
कभी चुतमे कभी गांड मे
मस्ती भरी चुदाई
होती दिन रात में

थी ही मम्मा ऐसी
चोदी साली रंडी
चुतको रगड रगड के
लंड को मांगती थी

1 comment: